उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले के जंगल में जंगली सुअर का शिकार करने पहुंचा शिकारी ही खुद गोली का शिकार हो गया। हादसे के बाद मृतक के साथी शिकारी शव को वहीं छोड़कर अपने घर को वापस लौट आये।इस घटना की जानकारी किसी गांव वाले ने पुलिस तक पहुंचा दी, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।फिलहाल पुलिस ने भद्रकाली कपूरी जंगल में नदी किनारे जंगली सुअर का शिकार करने के दौरान हादसे का शिकार हुए मृतक के शव को मौके से बरामद कर लिया है।
कांडा थाने की पुलिस के अनुसार मृतक के सीने और चेहरे पर गोली के छर्रों के निशान बताये गए हैं। पुलिस ने मृतक के साथ गये दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।मिली जानकारी के अनुसार शनिवार 7 अगस्त की शाम धपोलासेरा गांव का 35 वर्षीय रविंद्र सिंह पुत्र हयात सिंह अपने दो साथी संजय नगरकोटी पुत्र नंदन सिंह नगरकोटी और भदौरा निवासी पवन धपोला पुत्र सुरेंद्र सिंह धपोला के साथ जंगली सुअर के शिकार की नीयत से जंगल गए थे। सुअर मारने के लिए सभी लोग असलहे से लैस थे। तीनों भद्रकाली कपूरी जंगल के बीच नदी किनारे पहुंचे तो झाड़ियों की आड़ में इन्हें एक जंगली सुअर दिखाई दे गया। इस सुअर को गिराने के लिए तीनो ने सावधानी से सुअर के इर्द-गिर्द तीन दिशाओं में पोजिशन ले ली।
तय हुआ कि अगर पहले फायर से सुअर नहीं गिरा और घायल होकर मौके से भागा तो भागते सुअर पर दूसरी ओर पोजिशन लेने वाला फायर खोल देगा। लेकिन जंगल में सब कुछ शिकारियों के प्लान के हिसाब से नहीं हुआ। पहली गोली लगते ही घायल हुआ सुअर अप्रत्याशित ढंग से उस दिशा की ओर भागने लगा जहाँ रविन्द्र ने पोजिशन ले रखी थी।
सुअर को भागते देख दूसरे शिकारी ने गोली चलाई तो हड़बड़ी में चलाई गई गोली सुअर को न लगकर सीधे रविन्द्र के जा लगी। गोली लगते ही रविन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे से रविन्द्र के साथ गए दोनों शिकारी सन्नाटे में आ गए। जब कुछ नहीं सूझा तो यह लोग रविन्द्र को मौके पर ही छोड़कर अपने गांव वापस लौट आये। रविवार की सुबह इस मामले की जानकारी किसी ने पुलिस को दे दी। इसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर जाकर लाश को कब्जे में लेकर पंचनामें की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया। इस मामले में पुलिस ने मृतक के साथ गये कांडा निवासी संजय नगरकोटी और भदौरा निवासी पवन धपोला पुत्र को हिरासत में लेकर पुलिस इस मामले में आगे कारवाही कर रही है ।