सीमांत तहसील से जुड़े अति दुर्गम डिरनाड़ गांव के पास लकड़ी से निर्मित दो मंजिला आवासीय छानी में भीषण आग लगने से कमरे में सो रहे दो श्रमिक जिंदा जल गए। राजस्व निरीक्षक एवं कानूनगो भीमदत्त जोशी ने दोनों शव बरामद कर राजकीय अस्पताल त्यूणी की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवाया। इसके बाद शव स्वजन को सौंप दिए। घटना बुधवार रात की है।
शिलगांव खत के कथियान निवासी राजेंद्र खत्री का डिरनाड़ गांव के पास खेड़ा काष्टी में सेब का बगीचा है। इसकी देखरेख के लिए उन्होंने श्रमिक गणेश को छानी में चौकीदार रखा था। उसके साथ छानी में भटाड़-कथियान निवासी मोहनलाल भी बगीचे में मजदूरी करने आया था। बस्ती क्षेत्र से करीब सात सौ मीटर दूर स्थित खेड़ा काष्टा में दो मंजिला आवासीय छानी में गणेश व मोहनलाल बुधवार शाम को खाना खाकर सो गए थे।
इस दौरान रात में चूल्हे से निकली चिंगारी से छानी में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग की चपेट में आने से गणेश (59) निवासी डिरनाड़ और मोहनलाल (49) निवासी भटाड़-कथियान की मौत हो गई। छानी से उठते धुएं और आग की लपटों को देखकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। ग्राम प्रहरी की सूचना पर गुरुवार सुबह राजस्व निरीक्षक एवं कानूनगो भीमदत्त जोशी पीआरडी जवान के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने ग्रामीणों से हादसे की जानकारी ली। राजस्व पुलिस ने श्रमिकों के शव बरामद कर पंचनामा भर राजकीय अस्पताल त्यूणी में पोस्टमार्टम की कार्रवाई होने के बाद शव स्वजन को सौंप दिए। उधर, कानूनगो भीमदत्त जोशी ने बताया कि राजस्व पुलिस घटना की जांच कर रही है।