
उत्तराखंड की पावन धरती, जिसे “वीरभूमि” कहा जाता है, एक बार फिर देशभक्ति और शौर्य के अद्वितीय संगम की साक्षी बनी। 17 मई 2025 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हल्द्वानी में आयोजित “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह समस्त उत्तराखंड की भावनाओं, श्रद्धा और राष्ट्रसेवा की भावना का सार्वजनिक उद्घोष था।

हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम से शहीद पार्क तक निकाली गई इस पदयात्रा में हजारों की संख्या में नागरिकों, युवाओं, पूर्व सैनिकों एवं मातृशक्ति ने भाग लिया। यह यात्रा हाल ही में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए सफल सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” की ऐतिहासिक विजय को समर्पित रही — जिसने न केवल आतंकवाद को करारा जवाब दिया बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की निर्णायक शक्ति को भी स्थापित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर शहीद स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों का अभिनंदन किया। उन्होंने अपने भावुक संबोधन में कहा, “भारत अब आतंक का जवाब उसी की भाषा में देने में एक क्षण की भी देरी नहीं करता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर बना है, और हमारी सेनाएं अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से सुसज्जित हैं।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की ओर उठी हर आतंकी आंख को मिट्टी में मिला देने का संकल्प अब केवल भाषणों में नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही में भी दिखता है। उन्होंने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों को बिना सीमा लांघे ही खत्म कर दिया। इतना ही नहीं, आतंकवाद को संरक्षण देने वाली पाकिस्तान सेना के सैन्य ठिकाने भी भारत के ड्रोन और मिसाइलों की जद में आए।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उत्तराखंड के बिना भारत की सेना अधूरी है। मुख्यमंत्री धामी ने गर्व से कहा कि हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। यहां का हर परिवार किसी न किसी रूप में देश सेवा से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं एक सैनिक पुत्र हूं और जब ऐसे आयोजनों में शामिल होता हूं तो गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है, लेकिन वीर शहीदों का स्मरण आंखें नम भी कर देता है।”
उत्तराखंड के गांव-गांव से जवान सीमाओं पर तैनात हैं, और ऐसे में तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा के माध्यम से आम जनता ने यह संदेश दिया कि केवल सेना ही नहीं, बल्कि पूरा उत्तराखंड एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है।
राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक सहभागिता
इस ऐतिहासिक आयोजन में सांसद अजय भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, सरिता आर्या, मेयर गजराज बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा, जलागम उपाध्यक्ष शंकर कोरंगा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। जनपद आगमन पर मुख्यमंत्री का स्वागत आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना, व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा केवल सम्मान की नहीं, बल्कि “नई भारतीय नीति” की झलक है – अब भारत गोली का जवाब गोली से देता है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि आज की भारतीय सेना चार दिनों में ऐसा पराक्रम दिखा सकती है कि दुश्मन को घुटनों पर आना पड़े।
तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड न केवल वीर सपूतों की भूमि है, बल्कि यहां की आम जनता भी हर चुनौती में सेना के साथ खड़ी है। यह यात्रा उत्तराखंड के शौर्य, एकता और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बनकर उभरी है। जब पूरा भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ रहा है, तब उत्तराखंड उसके अग्रदूत के रूप में राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

