कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है, लेकिन हल्द्वानी की हर्षिका की कहानी थोड़ी अलग है… यहां उसे प्यार भी हुआ तो सृष्टि के पालनहार कृष्ण भगवान से… श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हर्षिका ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान ली और उनकी मूर्ति से शादी रचा ली। हर्षिता बचपन से दिव्यांग है और बचपन से ही कान्हा की भक्ति में लीन रही हैं। शादी समारोह में शामिल हुए अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी थीं।
हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित इंद्रप्रस्थ कालोनी फेज तीन में हुए इस अनूठे विवाह कार्यक्रम के दुल्हन के रिश्तेदार और स्थानीय लोग साक्षी बने। 200 से ज्यादा लोग इस शादी का हिस्सा बने। साथ ही समारोह को प्रभु कार्य मानते हुए भव्य बनाने में स्वजन का सहयोग भी किया। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा की बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा की थी। गुरुवार को सुबह उनके आवास से स्थानीय लोगों ने प्रतिमा को दूल्हे के रूप में सजाकर विवाह स्थल की ओर प्रस्थान किया।
ये शादी पूरे रीतिरिवाज और मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से हुई। इस शादी में दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि के 7 फेरे लिए। विदाई होने के बाद युवती कान्हा की मूर्ति को लेकर कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची। आपको बता दें कि हर्षिका ने अपना जीवन भगवान कृष्ण को समर्पित कर दिया। श्रीकृष्ण की दुल्हन बनने के लिए युवती 15 सालों से करवा चौथ की व्रत कर रही थी। अब इस अनूठी शादी की चर्चा हर जगह हो रही है।