नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर नैनीताल के अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में बुधवार को दूसरे दिन भी चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी जारी रही। इस मौके पर अमेरिका के विभिन्न संस्थानों से यहां पहुंचे हिंदी विशेषज्ञों ने नैनीताल में वर्तमान में बदलती पर्यावरणीय स्थिति को समझा। वहीं उन्होंने बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के कारणों को जाना।
पर्यावरण प्रेमी यशपाल रावत ने सुबह पहले चरण में फांसी गधेरा में आयोजित गोष्ठी में हिंदी विशेषज्ञों को नैनीताल के बदल रहे जलवायु परिवर्तन से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जंगलों के कटान और अवैध निर्माण से नैनीताल की सेहत पर बुरा असर पड़ा है। कई विशेष प्रजातियों के पक्षी और वनस्पति विलुप्त हो गए हैं। इसके बाद टीम ने बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की स्थिति के बारे में जाना। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीडी सती ने बताया कि यहां भूस्खलन को रोकने के लिए डीपीआर बनाकर कार्य किये जाएंगे। संवेदनशील क्षेत्र के लोगों को भी विस्थापित किया गया है। विशेषज्ञों ने भूस्खलन के कारणों को समझा और प्रभावित क्षेत्र हरिनगर के लोगों से बातचीत कर उनकी परेशानियों के बारे में जाना।
न्यूयार्क विवि में हिंदी की प्रोफेसर गेब्रीयेला निक इलियेवा ने कहा कि हिंदी भाषा व इससे जुड़ी संस्कृति, पर्यावरणीय समस्याओं और बदलाव का अध्य्यन करने के लिए यह बेहतर माध्यम है।
इस मौके पर डीएसबी के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश रंजन तिवारी ने कहा कि युवा हिंदी संस्थान अमेरिका की ओर से कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय, पेंसिलवेनिया विवि, कंसास विवि, वेंडरबिल्ट विवि, सैसली विवि मेडिसन, जर्सी सिटी बोर्ड, फोरसाइथ डिस्ट्रिक्ट काउंटी स्कूल, शैंडलर डिस्ट्रिक्ट स्कूल और हिंदी भाषा अकादमी के सहयोग से कुमाऊं विवि में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
युवा हिंदी संस्थान अमेरिका के अशोक ओझा ने कहा कि पाठ्य सामग्री तैयार कर इसकी मदद से अमेरिका के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नैनीताल की पारिस्थितिकी और पर्यावरण संबंधी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा। शाम को विशेषज्ञों ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत से भी इस संबंध में मुलाकात की।