रानीबाग के दानीजाला गांव में मूसलाधार बारिश में केबल ट्रॉली से लेकर जाना पड़ा पूर्व सैनिक का शव, दशकों से झूला ब्रिज की मांग अधूरी

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रानीबाग के दानीजाला गांव में मूसलाधार बारिश के बीच एक पूर्व सैनिक के अंतिम संस्कार में देरी हो गई, जो पूर्व में सेवा में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। कारण य़ह है कि गांववासियों के लिए शहर की ओर आने के लिए अभी तक यहां झूला ब्रिज नहीं बन पाया है, जिससे भारी बारिश के बीच गौला नदी उफान पर होने से बुजुर्ग के शव को केबल ट्रॉली के माध्यम से लाया गया। गांव वालों ने नाराजगी जताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि दशकों से सरकार गांव उनकी उपेक्षा कर रही है।

जानकारी के मुताबिक,1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में प्रतिभाग करने वाले वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत का बीते बुधवार को निधन हो गया था। गोपाल जंग रानीबाग के दानीजाला में रहते थे, बीमारी के बाद 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके दो बेटे सेना में सेवारत हैं। गांव वालों ने बताया कि यहां करीब 20 परिवार रहते हैं, लेकिन फिर भी आज तक झूलापुल को लेकर पूरे गांव के दशकों की मांग अधूरी ही है। हल्द्वानी शहर से कुछ ही दूरी पर बसे इस गांव ने ब्रिटिश आर्मी से लेकर अब तक भारतीय सेना में देश की सेवा की है। आज भी लगभग एक दर्जन से अधिक युवा देश की सेवा के लिए सेना में सेवाएं दे रहे हैं। फिर भी अभी तक अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं।

इस दौरान पूर्व सैनिकों ने बीते कल बृहस्पतिवार को उन्हें अंतिम विदा दी। गांव वालों का कहना था कि सैनिकों के लिए यह बड़े दुख की बात है कि उन्हें इस तरह अंतिम विदाई देनी पड़ रही है, सरकार और उनके जन प्रतिनिधि की ओर से उन्हें अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है। सेवानिवृत ग्रामवासी मेजर राजेंद्र सिंह, जीवन थापा, गोपाल सिंह थापा, राम सिंह थापा, विनोद थापा, किशन सिंह, प्रदीप सिंह, प्रभात वस्नेत, मनीष वस्नेत, नरेंद्र सिंह समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

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