नैनीताल: उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद पटवाडांगर में गुरुवार को एंट्रीप्रिन्योरशिप डेवलपमेन्ट प्रोग्राम इन एनिमल डरबेन्द्री विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें वैज्ञानिकों ने युवाओं को उत्तराखंड में बायोटैक्नलॉजी के क्षेत्र में नए स्टार्टअप आरंभ करने से जुड़ी संभावनाओं के बारे में अवगत कराया।
मंगलवार को पटवाडांगर में आयोजित सेमीनार का शुभारंभ परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने किया। उन्होंने यहां चल रहे विकास एवं शोध कार्यों के बारे में चर्चा की। साथ ही यहां भविष्य में होने वाले शोध कार्यों की रूपरेखा से सभा को अवगत कराया। कार्यक्रम को वीड़ियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए केंद्रीय सेन्ट्रल पोल्ट्री केवलननेन्ट ऑर्गानाइजेशन के पूर्व निदेशक प्रो के रवि कुमार ने छात्रों को मेहतन करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि छात्र जिस भी प्रोफेशन में है, उसे एकाग्रता के साथ फॉलो करें।
रचनात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें सफलता निश्चित है। राज्य पशु विज्ञान परिषद् कर्नाटक के वैज्ञानिक डा. श्रीनिवास रेड्डी व सहायक निदेशक कर्नाटक डॉ. अब्दुल मुनिक ने बायोटैक्नलॉजी के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं के बारे में अवगत कराया।
पटवाडांगर केंद्र के प्रभारी डॉ. सुमित पुरोहित ने संस्थान में पीटीसी प्रयोगशाला में टिश्यू कल्चर विधि से संचालित किए जा रहे शोध कार्यक्रम से सभा को अवगत कराया। कहा कि युवा बायोटेक्नोलॉजिस्ट्स के लिए उत्तराखंड में नए स्टार्टअप शुरू करने की अच्छी संभावनाएं हैं। कार्यक्रम का संचालन आरती बिष्ट ने किया। सेमिनार मे 80 से अधिक छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर अंजू मेडक, प्रीती, पूजा, नितिन, काजल, अजय, हिम्मत सिंह, काजल फुलार, किशन सिंह व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।