हल्द्वानी: किसानों की संपत्तियों पर फीता लगाकर चले गए PWD के अधिकारी, SDM ने कहा- कोई शासनादेश नहीं हुआ जारी…

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रामपुर रोड गन्ना सेंटर रामलीला मैदान में किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति का एक सूत्रीय मांग किसानों के खेतों मकानों दुकानों से हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना को रद्द करो को लेकर आठवें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा।

आज धरना स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के संगठन प्रदेश महामंत्री कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष के पहुंचने की सूचना आंदोलनकारियों को मिली थी, परंतु वह धरना स्थल नहीं पहुंचे, लेकिन उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता धरना स्थल आंदोलनकारी से वार्ता करने पहुंचे।

इस दौरान आंदोलनकारी ने उपजिलाधिकारी को बताया कि किस तरह किसानों के सारे अधिकारों का हनन करते हुए पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारी फीता लेकर किसानों के खेत में उतर रहे हैं और उनके मकान एवं खेतों में पिलर गाढ़ रहे हैं,उन्होंने कहा कि किसानों को 2017 से इस परियोजना को लेकर अंधेरे में रखा गया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि उक्त परियोजना को लेकर तीन सर्वे होने की बात समय-समय पर कही गई है, परंतु अब विभाग के अधिकारी कहते हैं सर्वे शुरू से इस जगह पर ही हुआ है।

धरना स्थल पर उस वक्त बवाल मच गया जब उपजिलाधिकारी परितोष वर्मा ने कहा कि उक्त रोड का कोई शासनादेश जारी ही नहीं हुआ है और जो आप रिंग रोड परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, उसे किस तरह पूरा किया जाए। उप जिलाधिकारी ने आंदोलनकारी से इस धरने का समाधान निकालने की बात कही,अब आंदोलनकारियों ने इसके बाद पूरी परियोजना पर ही प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि 600 करोड़ की मोदी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना को पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारी और जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों ने गैर जिम्मेदार तरीके से 2100 करोड़ तक पहुंचा दिया और अब अधिकारी कहते हैं रिंग रोड संबंधित कोई शासनादेश जारी ही नहीं हुआ। बड़ा सवाल यह है कि यदि किसी तरह का शासनादेश सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है तो आखिर निर्माण खंड के अधिकारी कब्जा लेने किसानों के खेत में क्यों आ रहे हैं।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि इस परियोजना को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्राम वासियों का मानसिक उत्पीड़न किया है,जल्द ही किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति इस परियोजना को न सिर्फ उक्त सर्वे वाले रास्ते से बल्कि हल्द्वानी से ही रद्द करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय की शरण में जाएगी।

आंदोलनकारियों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता पर झूठे अधिकारी होने के आरोप लगाए हैं।  उन्होंने कहा है कि कुछ दिन पूर्व जब सहायक अभियंता धरना स्थल पहुंचे थे तो उन्होंने यही से रिंग रोड फाइनल होने की बात कही थी।

किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने उप जिलाधिकारी से यह भी प्रश्न किए हैं कि जिन मकानों में विभाग ने पिलर गाड़े है, उस दौरान उनसे विभाग के जो भी अधिकारी वहां पहुंचे, यह कहा गया कि रिंग रोड 2017 में यहां फाइनल हो गई यदि ऐसा था तो 2020 में उक्त जमीन की रजिस्ट्री कैसे हुई और आज तक सर्वे रोड पर जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो रही है,आखिर रिंग रोड का क्यों तमाशा बनाकर किसानों की जमीनों पर एक परियोजनाओं का ग्रहण थोपा गया है।

धरना स्थल से आंदोलनकारी ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार के नाम उप जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन दिया है और उन्होंने कहा है कि 72 घंटे में रिंग रोड परियोजना को इस रास्ते से रद्द किया जाने का लिखित आदेश जारी किया जाए। अन्यथा मोदी सरकार की बड़ी परियोजना का पुतला दहन पूरे शहर में घुमाकर पीडब्ल्यूडी कार्यालय में ले जाया जाएगा।

इस दौरान ग्राम प्रधान निशा कुल्याल,ग्राम प्रधान हरिपुर जमन सिंह विपिन परगांई,हर्षित उपाध्याय उपाध्यक्ष निक्की दुर्गापाल,आनंद सिंह दरमवाल,सचिव लक्ष्मण सिंह बोरा,कलावती भट्ट,उमा बोरा,हेमा उपाध्याय,ममता उपाध्याय,शंभू कविदयाल,पंकज जोशी भरत दुर्गापाल,कमल दुर्गापाल,राहुल उपाध्याय,ललित मोहन भट्ट,चंदन सिंह,हिमांशु,भोला दत्त कापड़ी,अमित जोशी,जगत सिंह जानकी कांडपाल,जीवन कापड़ी,हेमचंद जोशी,शांति देवी,लक्ष्मी बोरा,गीता कांडपाल बचुली देवी,बसंती देवी सहित कुल 215 लोग मौजूद रहे।