“उत्तराखंड राज्य में वर्तमान छात्र राजनीति” में शोध करने वाले इंदर प्रसाद को मिली PhD की उपाधि

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल से इंदर प्रसाद को राजनीति विज्ञान में PhD की उपाधि मिली है। वह मूल रूप से महोली बागेश्वर के रहने वाले हैं। शोधार्थी इंदर प्रसाद के पिता नैनराम लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज सनेती रीमा बागेश्वर से दफ्तरी पद से सेवानिवृत, माता पार्वती देवी गृहणी, बड़े भाई डॉक्टर राजेश प्रसाद असिस्टेंट प्रो द्वाराहाट डिग्री कॉलेज में कार्यरत हैं।

उनके शोध का विषय- “उत्तराखंड राज्य में वर्तमान छात्र राजनीति 2010-2020 में जेंडर और विचारधारा की भूमिका, कुमाऊं क्षेत्र के विशेष संदर्भ में अध्ययन” रहा। उन्होंने शोध प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी डायरेक्टर HRDC के निर्देशन में पूर्ण किया। जिसमें पाया गया कि जेंडर और विचारधारा का छात्र राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यहाँ कुछ निष्कर्ष हैं:

  1. जेंडर भूमिकाएँ और अपेक्षाएँ छात्र राजनीति में भागीदारी को प्रभावित करती हैं।
  2. विचारधाराएँ छात्र राजनीति के मुद्दों और उद्देश्यों को आकार देती हैं।
  3. जेंडर और विचारधारा के बीच संबंध छात्र राजनीति के नेतृत्व और निर्णयों को प्रभावित करता है।
  4. छात्र राजनीति में जेंडर और विचारधारा के मुद्दों को शामिल करने से अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्व वाली राजनीति बनती है।
  5. जेंडर और विचारधारा के बारे में जागरूकता और शिक्षा छात्र राजनीति में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।

इन निष्कर्षों से पता चलता है कि जेंडर और विचारधारा छात्र राजनीति के महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए और कुछ सुझाव इस प्रकार हैं-

महिला प्रतिधित्व में सामर्थ्यवान नेतृत्व का अभाव है, जिसको बढ़ाया जाना चाहिए। छात्राओं के लिए प्रत्येक साल बाद अध्यक्ष पद का आरक्षित होना, इससे महिला प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। छात्र संघ चुनाव को और सरल बनाना , हफ्ते भर में छात्र संघ चुनाव की तिथि नियत करना और हफ्ते भर में चुनाव कराना इससे छात्र राजनीति में अराजकता कम होगी। अपराधिक मामलों में संलिप्त छात्रों की प्रतिभागिता को प्रतिबंधित करना।