प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, अन्य बीमारियों के मरीज अस्पताल में इलाज के लिए जाने से घबरा रहे हैं, अभी अस्पतालों में हालात इस कदर बने हुए हैं की अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है,हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में कोविड मरीज़ो का इलाज चल रहा है, प्राइवेट अस्पतालों में मरीज़ो को देखने से डॉक्टर इंकार कर रहे हैं, स्थानीय लोगो का आरोप है की अस्पतालों की बदहाल हालातों को देखते हुए सर्दी, जुखाम औऱ बुखार के मरीज अपना स्वास्थ परीक्षण करने से घबरा रहे हैं, कई मरीज तो ऐसे थे जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी लेकिन मौत के बाद वे कोरोना पॉजिटिव पाए गये , जिनको लेकर आम जनता में संशय बरकरार है, औऱ अस्पताल पर स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने का आरोप भी लगा है, और अन्य बीमारियों के मरीजों को कोरोना का मरीज बताकर उनका शोषण किया जा रहा है ।
वहीं जिला अधिकारी के मुताबिक कोरोना से जुड़े मामलों में सैंपलिंग लगातार बढ़ाई जा रही है, जहां तक स्वास्थ्य सुविधाओं का सवाल है ऐसे में बहुत सारी दिक्कतें सामने आ रही हैं जिससे मरीजों को इलाज के दौरान काफी कठिनाई हो रही है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के बीच में आम जनता को डर छोड़ कर अपना चेकअप करवाने अस्पतालों में आना पड़ेगा क्योंकि यदि ऐसा नहीं होगा तो बीमारियों को पहचानना काफी मुश्किल होगा, घर जैसा वातावरण अस्पताल में मिलना बेहद मुश्किल है और उन लोगों को इलाज के लिए आगे आना तो बेहद ही जरूरी है जिनमें हल्के लक्षण या कुछ ऐसे लक्षण मिल रहे हैं जो कोरोना वायरस महामारी से मिलते जुलते हों। इसलिए ट्रैवल हिस्ट्री वाले लोग और सर्दी जुखाम, बुखार लक्षण वाले लोग अपना इलाज कराने अस्पतालों में जरूर आएं जिससे मरीज की हालत गम्भीर ना हो और उसका सही इलाज किया जा सके।