हल्द्वानी // चीन की तरफ से दग़ाबाज़ी के बाद देश मे चीनी समानो के बहिष्कार की लहर दौड़ पड़ी है इसका फर्क अन्य चीजों पर पड़े या ना पड़े लेकिन चाइनीज पौधों की खरीद पर पड़ चुका है, हलद्वानी के अंदर अधिकतर नर्सरी में कई चाइनीज पौधे बड़ी मात्रा में आते है जिनको अब ख़रीददार खोजते नही मिल रहा है।
बोनजाई, गुड़ लक प्लांट समेत अनेक चाइनीज पौधे 300 रुपये से 2500 की कीमत पर बाजार में उपलब्ध हैं, जिनको आम तौर पर लोग अपने घर में इनडोर या आउट डोर मे सजावट के तौर पर प्रयोग करते हैं, इसलिये चायनीज पौधों की बाजार में बड़ी डिमांड भी हैं, लेकिन चीन का असली रूप जैसे ही जनता के सामने आया अचानक ही पौधों की बिक्री में गिरावट आ गयी है, अब लोग अपने घरों में सजावट के लिये भारतीय पौधों का रुख करने लगे हैं, स्थानीय लोगों का मानना है कि चीन को सबक सिखाने के लिए कुछ ठोस निर्णय लेने पड़ेंगे, लेकिन जनता से जितना हो सकता है उतना तो करना ही चाहिए की हम चाइना की बनी हुई चीजें या चाइना से आने वाली पेड़-पौधों का प्रयोग ना करें या जितना हो कम से कम करें लेकिन इसके साथ ही एक्सपोर्ट- इंपोर्ट का कारोबार सरकार ही करती है, इस दिशा में सरकार को भी कुछ अहम निर्णय लेने की जरूरत है, क्योंकि जब आयात निर्यात ही नहीं होगा तो देश की जनता चीन से बना हुआ सामान खरीदेगी ही क्यों लिहाजा यह आम जनता और सरकार दोनों को समझना पड़ेगा।
चीन को सबक सिखाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि चीन से बने उत्पादों का प्रयोग कम से कम किया जाए या बिल्कुल ना किया जाए, इसके लिए शुरुआत घर की सजावट के लिए प्रयोग किए जाने वाले चाइनीस पौधों से ही की जाये, और लोग चीन को सबक सिखाने के लिए इस मुहिम में आगे भी आ रहे हैं कि चीन से बने उत्पाद या चीन से आने वाले पेड़ पौधों का उपयोग बिल्कुल शून्य कर दिया जाए जिससे आने वाले दिनों में चीन पर हमारी निर्भरता खत्म हो जाये,