नैनीताल के नीले आसमान पर सोमवार को एक आकर्षक नजारा देखा गया। सूरज को चारों ओर सतरंगी चक्र यानी एक गोल अंगूठी के आकार में अनोखी चमक ने घेरे रखा। इसे देखने के लिए सरोवरी नगरी के लोग और पर्यटक आकाश की ओर टकटकी लगाए रहे तो कई लोगों ने इस पल को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया। कुछ लोग अपने घरों की छतों से इसे देखते नजर आए। सूर्य के चारों ओर बना यह नजारा असल में हैलो इफेक्ट कहलाता है।
एरीज के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम प्रभारी डॉ. विरेंद्र यादव ने बताया कि 22 डिग्री सौर प्रभामंडल एक ऑप्टिकल घटना है। इसे हैलो इफेक्ट भी कहा जाता है, जिसे सोमवार को नैनीताल क्षेत्र में देखा गया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर हल्के रंग के प्रकाश के इस वलय की कोणीय त्रिज्या 22 डिग्री होती है। यह तब बनता है जब सूर्य का प्रकाश या चंद्र प्रकाश पतले बादलों में स्थित षट्कोणीय आकार के लाखों बर्फ के क्रिस्टल्स से होकर गुजरता है। अधिक ऊंचाई वाले इन बादलों को सिरस बादल और सिरोस्ट्रेटस बादल कहा जाता है, जो आमतौर पर औसत समुद्र तल से लगभग पांच से 20 किमी के ऊंचाई पर मौजूद होते हैं। यहां पर सूर्य का प्रकाश एक षट्कोणीय प्रिज्म (जो इस मामले में बर्फ के क्रिस्टल्स हैं) के अंदर से अपने मार्ग में मूल पथ से लगभग 22 डिग्री मुड़ जाता है।
जिस कारण सूर्य के चारों ओर इस तरह का नजारा बनता है। लाल रंग के प्रकाश का विचलन सबसे कम होता है इसलिए यह सबसे भीतर की ओर जबकि बैंगनी रंग के प्रकाश का विचलत सबसे ज्यादा होता है इसलिए यह सबसे बाहर की ओर होता है।