नैनीताल। ज्योलीकोट के चोपड़ा के तोक ढांगण में वचनढूंगा स्थान पर पहाडी से गिरने वाले बोल्डरों को रोकने के लिए बनाई जा रहे वायरक्रेट प्लेटफार्म का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है। रॉयल्टी के विरोध में चल रहे ठेकेदारों के आंदोलन के कारण लोक निर्माण विभाग को यहां काम कराने के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं, जिससे विभाग के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं। उधर, ग्रामीणों द्वारा लगातार यहां ट्रीटमेंट कार्य के लिए आग्रह किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार ना मिलने से काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
मालूम हो कि जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूर ग्रामसभा चोपड़ा में वचनढूंगा की पहाड़ी से पिछले वर्ष माह अक्टूबर 2021 में हुई अत्याधिक वर्षा के कारण ग्राम चोपड़ा के तोक वचनढूंगा में पहाड़ी पर कुछ बडे-बडे बोल्डर गिर गये थे, जिसके नीचे ग्रामीणों के मकान होने के कारण क्षेत्र संवेदनशील बना हुआ है।
साथ ही माह जुलाई 2022 में हुई वर्षा के कारण इस क्षेत्र में फिर से धंसाव एवं बोल्डरों के गिरने के कारण ग्रामीणों द्वारा दुघर्टना होने की आशंका व्यक्त की गई थी। जिस पर यहां कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत द्वारा निरीक्षण कर अधिकारियों को तुरंत समाधान कार्य के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी के निर्देश से चोपड़ा गांव में भूवैज्ञानिक नैनीताल लेख राज द्वारा सर्वे किया गया था। सर्वे अनुसार उक्त स्थल पर अस्थाई उपचार हेतु वायरक्रेट से प्लेटफार्म की संस्तुति की गई थी, जिससे बोल्डरों को गिरने से रोका जा सके। अधिशासी अभियन्ता लोनिवि दीपक गुप्ता द्वारा वायरक्रेट से प्लेटफार्म बनाने के लिए करीब 27 लाख का आगणन तैयार किया गया, जिसके सापेक्ष जिलाधिकारी द्वारा 10 लाख रुपये अवमुक्त कर दिए हैं।
लेकिन ठेकेदारों के आंदोलन के कारण कोई भी काम करने को राजी नहीं हो रहा है, जिससे लोक निर्माण विभाग के समक्ष वचनदूंगा की पहाड़ी के ट्रीटमेंट का कार्य करने को लेकर इस समय काफी चुनौतियां बनी हुई हैं। हालांकि विभाग का कहना है कि वह अन्य ठेकेदारों से बातचीत कर समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही चोपड़ा गांव में काम शुरू किया जाएगा।
चार स्थानों पर वायरक्रेट लगाकर रोके जाएंगे पत्थर
पहले चरण में वायरक्रेट से प्लेटफार्म बना कर पहाड़ी से बोल्डरों को गिरने से रोका जाएगा। चार स्थानों पर वायरक्रेट लगाया जाएगा। वहीं फेंसिंग लगाकर छोटे पत्थरों को भी आबादी स्थल पर गिरने से रोका जाएगा। लोनिवि के सहायक अभियंता जीएस जनौटी ने बताया कि दूसरे चरण में विशेषज्ञों द्वारा डीपीआर तैयार करवा कर क्षेत्र के स्थाई समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।