नए गौला पुल की सुरक्षा को लेकर चिंता खत्म होने के बजाय और बढ़ गई है। पिलरों की सुरक्षा के लिए बनाई गई पत्थरों की गोल दीवार पहले ही टूट चुकी थी। गौलापार व चोरगलिया को हल्द्वानी से जोडऩे वाला पुल साल 2008 में धराशायी हो गया था। करीब तीन साल बाद पुल दोबारा बनकर तैयार हुआ। लोनिवि के मुताबिक वुडहिल कंस्ट्रक्शन कंपनी निर्माणदायी संस्था थी। नए निर्माण में 19 करोड़ 77 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन अवैध खनन और पानी के तेज बहाव के कारण इसकी बुनियाद को खतरा पैदा हो चुका है। वहीं अब पानी में मौजूद दो पिलरों की सरिया तक नजर आने लगी है। सीमेंट उजडऩे के कारण ही यह स्थिति पैदा हुई है। मंगलवार को शासन स्तर से इस मामले को लेकर रिपोर्ट तलब की गई थी। ऐसे में उम्मीद है कि साल 2008 में अनदेखी के शिकार हुए पुल की मरम्मत को लेकर अब और लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
हल्द्वानी:- खतरे में गौला पुल, टूट चुकी है सुरक्षा दीवार
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