
हल्द्वानी के आवास विकास क्षेत्र में स्थित देवखड़ी नाले के किनारे बसे 200 से अधिक मकानों को जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण करार देते हुए 15 दिन के भीतर हटाने का नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन का तर्क है कि नाले में अवैध निर्माणों के कारण बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे जनहानि और संपत्ति का नुकसान होता है।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। इससे क्षेत्र के निवासियों में गंभीर चिंता और आक्रोश देखा जा रहा है।
इस मुद्दे पर विधायक सुमित हृदयेश स्वयं मौके पर पहुंचे और पीड़ितों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने जिला प्रशासन के रवैये को तानाशाही पूर्ण बताते हुए कहा कि पहले सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लोगों के मकान तोड़े गए, और अब देवखड़ी नाले के नाम पर आम जनता को बेघर करने की तैयारी की जा रही है।
विधायक हृदयेश ने कुमाऊं कमिश्नर एवं मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी दी और पीड़ितों की समस्याओं का समाधान निकालने का आग्रह किया। इस पर कमिश्नर दीपक रावत ने सभी प्रभावित नागरिकों को बुधवार को कैंप कार्यालय में मिलने का समय दिया है।
विधायक ने आरोप लगाया कि “प्रशासन मनमानी कर रहा है, अफसरशाही हावी है और आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही। इसका खामियाजा सरकार को भविष्य के चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।”
वहीं स्थानीय लोगों की मांग है कि उन्हें पुनर्वास का विकल्प दिया जाए या फिर उनके मकानों को बचाने के लिए वैकल्पिक समाधान निकाला जाए।

