डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया और देश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई। उनकी नीतियों और दृष्टिकोण ने भारत को 1991 के आर्थिक संकट से उबारने में मदद की और देश को आर्थिक प्रगति की दिशा में अग्रसर किया।
हल्द्वानी के एमबी इंटर कालेज कॉलेज से हुई थी पढ़ाई-
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत अब (पाकिस्तान) पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था, और उनका संबंध उत्तराखंड के हल्द्वानी से भी था, स्व पूर्व प्रधान मंत्री डा मनमोहन सिंह ने अपने बाल्यकाल के तीन साल हल्द्वानी में गुजारे थे, उनकी कक्षा छह से 8वीं तक की पढ़ाई मोती राम बाबू राम इंटर कॉलेज हल्द्वानी (M.B. Inter College Haldwani) में हुई थी।
हल्द्वानी में पढ़ाई करने का खुलासा स्वयं डा मनमोहन सिंह ने दिवंगत कांग्रेस नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश के सम्मुख किया था।उसके बाद जब मनमोहन सिंह नैनीताल में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में आए थे तब उन्हें स्कूल की तरफ से उनकी टी.सी की प्रति भेंट की गई थी।
उल्लेखनीय है पूर्व विधायक स्व. डा. इंदिरा हृदयेश, एम बी एजुकेशनल ट्रस्ट की अध्यक्ष रही थी। डा मनमोहन सिंह ने ये भी बताया था कि उनके पिता पंजाब नेशनल बैंक में क्लर्क थे और उनकी पोस्टिंग 1948 के आसपास हल्द्वानी में हुई थी। उनके द्वारा अपनी धुंधली यादों में बताया गया था कि वो दिवंगत कांग्रेस के नेता रहे सरदार जय सिंह के घर में दो मंजिले पर किराए पर रहे थे। इस बारे में जब खोज हुई तो जानकारी मिली थी कि सरदार जय सिंह का पुराना मकान भोटिया पड़ाव इलाक़े में था!
हल्द्वानी का सबसे पुराना है इंटर कॉलेज-
एमबी इंटर कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, यह हल्द्वानी शहर का सबसे पुराना इंटर कॉलेज है. 13 अक्टूबर 1908 को इसकी स्थापना हुई थी. इस इंटर कॉलेज से पढ़ चुके कई छात्र आज बड़े-बड़े पदों पर हैं. इस स्कूल ने देश को एक से बढ़कर एक डॉक्टर, शिक्षक, जज और राजनेता दिए हैं.
साल 2004 – 2014 तक रहे प्रधानमंत्री-
भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल (2004-2014) अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण विकासात्मक मील के पत्थर हासिल किए। उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधार और विदेश नीति ने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला।
मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व और उनका शांत, विनम्र स्वभाव हमेशा लोगों को प्रेरित करता रहेगा। उनका निधन एक युग के अंत का प्रतीक है और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।