देहरादून में उत्तराखंड रोजगार संघ के धरने के 150 दिन पूरे होने पर भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गयी है।
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवांर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहां की भर्ती में गड़बड़ी और भाई भतीजावाद बदस्तूर जारी है। पंवार ने आगे कहा कि पॉलिटेक्निक संस्थानों के विभिन्न पदों में आउटसोर्सिंग से की जाने वाली भर्तियां भी अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए की गई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा कराने वाली कंपनियां इस काम के लिए उपयुक्त ही नहीं है वह बिल्डिंग बनाने का काम करने वाली कंपनी है। वह कैसे कोई परीक्षा करवा सकती हैं।
बॉबी पवांर ने पुनः आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी जिनका ग्रेड पर 5400 की भर्ती में भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लिखित परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों के 70 से 80% अंक थे, उनका चयन नहीं हो पाया है जबकि इंटरव्यू में अपने चाहतों को फायदा पहुंचाने के लिए 5 से 6 परसेंट अंक लाने वालों को भी नियुक्ति दे दी गई है।
बॉबी पवार ने बताया कि भाजपा सरकार में मंत्री रहे एक नेता की पुत्री जिसे लिखित परीक्षा में केवल 13.25 अंक थे का भी चयन किया गया जो भारी भ्रष्टाचार को दर्शाता है। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में कहा गया था कि जब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा परीक्षाएं पूर्ण हो जाएंगी तो उत्तराखंड में पूर्व में धांधली की भेंट चढ़ी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच कराई जाएगी। लेकिन सरकार सीबीआई जांच से बच रही है।
बॉबी पंवार ने आउटसोर्सिंग एजेंसी से राजकीय पॉलिटेक्निक विद्यालयों में नियुक्तियां कराने पर भी सवाल उठाए हैं। बॉबी पंवार ने अवगत कराया कि एक बिल्डिंग निर्माण कंपनी को पॉलीटेक्निक विद्यालयों में प्रवक्ता एवं अन्य पदों पर नियुक्ति का ठेका दे दिया गया है, जबकि लम्बे समय से पॉलिटेक्निक विद्यालयों में स्थाई नियुक्तियां नहीं हो पाई है, और अब सरकार बिल्डिंग निर्माण कम्पनी से नियुक्तियां करा रही है। जिससे पता चलता है कि सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है।
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक कर्मचारी की पत्नी की पत्र पर उसके पति को 5400 के ग्रेड पे पर नियुक्ति दे दी थी, परंतु जब बेरोजगार संघ ने इस मामले को उजागर किया तो संघ को आश्वासन दिया गया कि उन्हें हटाया जाएगा परंतु ऐसा ना करते हुए उनको 1 साल का सेवा विस्तार और दे दिया गया है।