देवभूमि की होनहार बेटी सविता कंसवाल, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848,46 मीटर) व माउंट मकालू को आरोहण करने वाली देश की प्रथम महिला बनी थी। उन्हें आज मरणोपरांत राष्ट्रपति द्वारा तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
बता दें कि सविता उत्तरकाशी के गांव लौंथरु की निवासी थी। सविता को आज 9 जनवरी 2024 को मरणोपरांत देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के द्वारा उनकी बहादुरी के लिए उनके स्वजन उनकी मां कमलेश्वरी देवी और पिता राधेश्याम कंसवाल को “तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
हादसे में हुई थी मौत
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 4 अक्टूबर को एक हादसे में सविता कंसवाल का निधन हो गया था। उत्तरकाशी की ही रहने वाली बहादुर पर्वतारोही और ट्रेनर सविता कंसवाल को एंडवेंचर नेशनल अवॉर्ड से आज सम्मानित किया गया।
परिजनों की आंखें हुई नम
राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने पहुंची उनकी फैमिली की आंखों में आंसू थे। बूढ़े पिता जब अवॉर्ड ले रहे थे तो हर किसी की निगाहें उनकी मां और बहन पर थीं, जिनकी आंखों से झर-झर पानी बह रहे थे। सविता ने 15 दिन के भीतर सविता ने माउंट मकालू का भी सफल आरोहण कर रिकॉर्ड बनाया था। वह माउंट ल्होत्से चोटी पर तिरंगा लहराने वाली देश की दूसरी महिला पर्वतारोही थीं।