केदारनाथ गर्भगृह में सोने की प्लेट की जांच की मांग ने फिर तूल पकड़ लिया है। उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने सरकार से उच्च न्यायालय के सिटिंग जज के नेतृत्व में कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगों पर तत्काल कार्रवाई न होने की स्थिति में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
गुरुवार को तिलक रोड स्थित तुलसी प्रतिष्ठान में उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान आरोप लगाए कि केदारनाथ गर्भगृह में सोने की प्लेट की निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही है। बदरी-केदार मंदिर समिति की कार्यशैली पर पूर्व में सवाल उठ चुके हैं।
गर्भगृह का मामला सामने आने के बाद से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। मामले की निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में की जानी चाहिए। गठित कमेटी में तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
बद्रीश पंडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने बताया कि मास्टर प्लान के अंतर्गत बदरीनाथ में निर्माण कार्य चल रहा है। कुबेर गली में निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया तो बड़ी समस्या होगी। उन्होंने आरोप लगाए कि बदरीनाथ में सरकार ने गैर हिंदू व्यक्ति एवं महिला को साधना की अनुमति दी है, जो परंपरा के विरुद्ध है। इसके अलावा केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए आइटीबीपी लगाई गई है। कपाट बंद होने के बाद भी धाम की तस्वीर सार्वजनिक की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगों पर तत्काल कार्रवाई न करने पर आंदोलन किया जाएगा।