हरिद्वार में नाबालिग हॉकी खिलाड़ी के साथ दुष्कर्म की घटना ने गुरु शिष्य के रिश्ते पर कलंक लगाया है। नाबालिग हाकी खिलाड़ी से दुष्कर्म की घटना में दो कोच के दो अलग-अलग चेहरे सामने आए। एक कोच भानुप्रकाश है, जिसने अपनी हवस की खातिर महिला खिलाड़ी के आत्मसम्मान को रौंद डाला। दूसरा पीड़िता का स्थानीय कोच, जो उसकी ताकत बना। परिवार से ज्यादा उस पर विश्वास करने वाली पीड़िता को इसी कोच ने ही अन्याय के विरुद्ध लड़ने का हौसला दिया।
स्थानीय कोच ने उसे हिम्मत बंधाई और उसके स्वजन को घटना की जानकारी दी। तभी घिनौना सच सबके सामने आ सका। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलकर अपने देश, शहर व परिवार का नाम रोशन करे। इसके लिए वे अभ्यास में रात-दिन एक करते हैं। इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश भर के खिलाड़ी इन दिनों राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए हरिद्वार में पसीना बहा रहे हैं।
दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता सहित सभी 30 महिला हाकी खिलाड़ी रोशनाबाद स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास एक कालोनी में बने होटल में ठहरी हुई थीं। कोच इसी होटल के तीसरी मंजिल पर ठहरा था, जबकि पीड़िता का कमरा चौथी मंजिल पर था। राज्य स्तरीय महिला हाकी टीम फाइनल होने के बावजूद कोच ने बहाने से पीड़िता को अपने कमरे में बुलाया और झांसा दिया कि अभी भी वह टीम में उसका चयन करा सकता है।
आरोपित को लगा था कि सोमवार को कैंप खत्म होने पर वह कोई न कोई बहाना बना देगा और पीड़िता अपनी इज्जत बचाने के लिए मुंह नहीं खोल पाएगी। लेकिन स्थानीय कोच पर पीड़िता को इतना विश्वास था कि परिवार के बजाय सबसे पहले उसने उन्हीं को आपबीती बताई।
जानबूझकर चुना रविवार का दिन
ऐसा बताया जा रहा है कि पीड़िता पर कोच की नजर काफी दिन पहले से थी, लेकिन घिनौनी हरकत के लिए वह कैंप खत्म होने का इंतजार कर रहा था। कोच को मालूम था कि कैंप खत्म होने पर सोमवार को होटल से चेक आउट कर सभी खिलाड़ी लौट जाएंगे और उसकी करतूत कभी सामने नहीं आ पाएगी, इसलिए दुष्कर्म के लिए उसने रविवार का दिन चुना।
न जाने कितनी प्रतिभाएं बन चुकी होंगी शिकार
आरोपित भानुप्रकाश अग्रवाल के पास स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) का सर्टिफिकेट है और वह लंबे समय से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देता आ रहा है। पुलिस का मानना है कि आरोपित ने पहली बार किसी खिलाड़ी के साथ दुष्कर्म जैसी घटना नहीं की होगी। न जाने वह पहले भी कितनी ही प्रतिभाओं का उत्पीड़न कर चुका होगा। खेल से जुड़े लोग बताते हैं कि उसकी छवि भी ठीक नहीं है। यह बात अलग है अभी तक किसी महिला खिलाड़ी की ओर से उसके विरुद्ध कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई। इसके पीछे खिलाड़ियों में करियर खत्म होने का डर या आरोपित का प्रभाव जैसे कई कारण हो सकते हैं।
दो वर्ष पहले रुद्रपुर में हुई थी मुलाकात
पुलिस की छानबीन में सामने आया कि आरोपित कोच भानू प्रकाश पीड़िता को दो वर्ष से जानता था। बताया जा रहा है कि पीड़िता पूर्व में उधमसिंह नगर जिले में हाकी टूर्नामेंट में भाग लेने गई थी, तब उसकी मुलाकात भानू प्रकाश से हुई थी। तब से वह खेल प्रतियोगिताओं को लेकर कोच लगातार उससे संपर्क बनाए हुए था।
दुष्कर्म के बाद बिगड़ी तबीयत
पुलिस की पड़ताल में यह भी सामने आया कि दुष्कर्म के बाद पीड़िता की तबियत बिगड़ गई थी। उसके शरीर से खून का अधिक रिसाव हुआ था। शिकायत सामने आने पर पुलिस ने रात भर अन्य खिलाड़ियों और कर्मचारियों से पूछताछ की। पुलिस ने रात में ही पीड़िता का मेडिकल कराते हुए कोच को हिरासत में ले लिया। सीओ सिटी जूही मनराल, सीओ आपरेशन शांतनु पाराशर और सिडकुल थानाध्यक्ष मनोहर भंडारी की संयुक्त टीम ने रात भर इस मामले की छानबीन की।