3 दिन वेंटिलेटर में रहने के बाद 7 महीने के मासूम ने कोरोना जैसी घातक बीमारी से जंग जीत ली स्वस्थ होने के बाद डॉक्टरों ने मासूम को अस्पताल से छुट्टी दे कर परिजनों को सौंप दिया
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक ने बताया कि गत 18 अप्रैल को एक परिवार अपने सात महीने के बच्चे को लेकर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा था। बच्चा कोरोना संक्रमित था। जिस पर उसे तत्काल बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की देखरेख में भेजा गया।बच्चे के शरीर में कृत्रिम ऑक्सीजन लगाने के बाद भी ऑक्सीजन का स्तर 80 प्रतिशत था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शरीर में नमक की कमी होने की वजह से भी बच्चे को दौरे पड़ रहे थे। एक्स-रे में निमोनिया भी दिखाई दिया। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए बाल रोग विभाग की टीम ने आनन-फानन उसे वेंटिलेटर पर रखा। तीन दिन बाद कुछ सुधार होने पर बच्चे को वेंटिलेटर से निकालकर आईसीयू में ऑक्सीजन पर रखा गया
स्वास्थ्य में कुछ सुधार होने के बाद बच्चे की नलकी से फिडिंग कराई गई बच्चे की कोरोनावायरस रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया देहरादून के तमाम छोटे बड़े अस्पतालों में चक्कर लगाने के बाद आखिरकार बच्चे के परिजन उसे लेकर दून अस्पताल पहुंचे थे जहां डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद बच्चे ने कोरोना से जंग जीत ली