एकलव्य विद्यालय समिति की ओर से संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की तैनाती का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इससे पुराने संस्थानों में रोजगार छोड़ चुके युवाओं के समक्ष अब आर्थिक संकट पैदा हो गया है। 17 अभ्यर्थियों के हाथ में नियुक्ति पत्र तो दे दिए गए, लेकिन उन्हें तैनाती नहीं मिल सकी। हालांकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन अब चयनित अभ्यर्थियों ने भी कोर्ट की शरण में जाने का निर्णय लिया है।
दरअसल नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइवल स्टूडेंट (नेस्ट) की ओर से पिछले साल अप्रैल माह में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया आयोजित की गई। दिसंबर 2023 में देशभर में करीब आठ हजार पदों पर परीक्षा आयोजित की गई। इस वर्ष 22 जनवरी को परिणाम घोषित हुए और अप्रैल 2024 को अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र जारी किए गए। एक जून को रिक्त पदों के सापेक्ष स्कूल आवंटित कर दिए गए। इस दौरान देश के सभी विद्यालयों में चयनित अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण किया, लेकिन देहरादून स्थित कालसी विद्यालय में संविदा शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया।
जो मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए। उनका कहना था कि उन्होंने संस्थान को लंबा समय दिया है, ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से निकाला नहीं जाना चाहिए। कोर्ट ने 12 जून को मामले में स्टे जारी कर अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तिथि नियत कर दी। 12 जून को ही कार्यभार ग्रहण करने विद्यालय पहुंचे 17 अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग नहीं मिल सकी।