ग्रीन ट्रिब्यूनल(राष्ट्रीय हरित अधिकरण), नई दिल्ली में विचाराधीन प्रकरण के सम्बन्ध में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कैंप कार्यालय सभागार में सोमवार को सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण विशेष निकाय है, जो बहु-अनुशासनात्मक मुद्दों से जुड़े पर्यावरणीय विवादों को संभालने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से सम्पूर्ण है। उन्होंने नियमों, मानकों के विरुद्ध कार्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल(राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के तहत बिना अनुमति के पेड़ कटाव, भू कटाव, अवैध तरीके के बन रहे होम स्टे या अन्य निर्माण कार्य, घरों-होटलों आदि से निकलने वाला प्रदूषित पानी या सीवर नदी नालों, तालाबों में जाता है। जिससे पर्यावरण और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती है। कहा कि ऐसे लोगों को सूची तैयार करने को कहा, जिससे पर्यावरण को दूषित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने जल निगम और सम्बंधित विभाग के अधिकारियों से पुरानी सीवर लाइन या क्षतिग्रस्त हो गई है, उनका सर्वे करने को कहा, जिससे समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जा सके। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से अवैध रूप से पेड़ों में कटान या नुकसान करने वालों पर चालानी कार्रवाही करने को कहा।
साथ ही उन्होंने एडीएम को पहाड़ी इलाकों में बन रहे होम स्टे का सर्वे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को पंगूट गांव के आस पास अवैध रूप से बन रहे होम स्टे की सूची बनाकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा।साथ ही ग्रीन बैल्ट को नुकसान करने वालों की सूची तैयार कर रिपोर्ट देने निर्देश दिए।
इस दौरान एसएसपी पीएन मीणा, एडीएम पी आर चौहान,लोनिवि ईई रत्नेश कुमार,यूपीसीएल ईई एसके सहगल,जल संस्थान ईई रमेश सिंह गर्बयाल, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी आदि मौजूद रहे।