नैनीताल। बीते वर्ष अक्टूबर माह में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हुई सिंचाई विभाग की नहरें आज भी क्षतिग्रस्त हालत में हैं, जिससे कृषि भूमि प्रभावित हो रही है। नैनीताल के 6 ब्लॉक में करीब 120 नहरों के ट्रीटमेंट के लिए सिंचाई विभाग ने शासन में करीब 25 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अभी तक इसकी सुध नहीं ली गयी है। बजट न मिलने से किसानों की भूमि बंजर हो रही है, जिससे किसानों को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
नैनीताल जिले के भीमताल, धारी, रामगढ़, कोटाबाग, रामनगर और बेतालघाट में अक्टूबर माह में आई आपदा से नहरें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। सिंचाई विभाग द्वारा शासन को पिछले साल दिसंबर माह में करीब 25 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, जिसमें सभी नहरों के स्थाई ट्रीटमेंट के लिए बजट मांगा गया था, लेकिन बजट के अभाव में नहरों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
हालांकि जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने आपदा मद से नहरों को अस्थाई रूप से ठीक करने के लिए सहयोग प्रदान किया है। जिससे वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर खेतों में सिंचाई की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी बरसात के दिनों में फिर से नहरें खराब होने लगी हैं। जिससे पहाड़ का काश्तकार परेशान है। कुछ इलाकों में तो अस्थाई रूप से भी नहरें ठीक नहीं की जा सकी हैं, जिससे वहां कई हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हो गयी है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान का कहना है कि अभी अस्थाई रूप से जिला प्रशासन की मदद से कुछ नहरों को ठीक किया गया है, लेकिन अस्थाई ट्रीटमेंट के लिए अभी तक बजट स्वीकृत नहीं किया गया है। कई इलाकों में सिंचाई नहर अस्थाई रूप से भी ठीक नहीं हो पाई हैं। जिससे वहां काश्तकारों को परेशानी हो रही है और वे अपनी शिकायत लेकर विभाग पहुंच रहे हैं।
बेतालघाट में 900 हेक्टेयर भूमि कृषि भूमि सिंचाई के लिए तरस रही
बेतालघाट में 900 हेक्टेयर भूमि कृषि भूमि प्रभावित हो गई है। कोसी नदी की आपदा के कारण नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और यहां सबसे ज्यादा सिंचाई नहरों को नुकसान हुआ है। जिनको अस्थाई रूप से ठीक करना भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों को सिंचाई को लेकर तमाम दिक्कतें हो रही हैं।